आशा के पर लग गए और तुम अभी उड़े नहीं
क़यामत का इन्तजार कर रहे क्या ?
प्यारी चीज थी तो क्या हुआ ..
अब तो रहा नहीं ,
उस प्यार का लोभ...
अब तो छोड़ दो !
Sunday, November 7, 2010
यादें ....
यादें ....उफ्फ ये यादें । ज़िन्दगी भर का दर्द ...और गम । कभी दिन के उजालें में तो कभी रात के अन्धेरें में । कभी मेले में तो कभी वीराने में हलचल ...
उफ्फ ये यादें .....मानो जीवन भर साथ निभाने का ठेका ले रखा है ।
उफ्फ ये यादें .....मानो जीवन भर साथ निभाने का ठेका ले रखा है ।
ReplyDeletesundar
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
मानो जीवन भर साथ निभाने का ठेका ले रखा है ,सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति। आभार।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...
ReplyDeleteयादें ही तो हैं जो सच्ची दोस्त हैं ...दोस्त भले ही चले जाएँ ये हमेशा साथ रहती हैं ...बहुत सुंदर ... आभार
ReplyDeleteYaaden hee to hain,jo jeevan bhar saath nibhatee hain! Bahut sundar!
ReplyDeleteChaliye yaado ne apko is blog ki yaad dilayi..aap to gayab hi ho gaye the...gud to c u again.. nw keep updating ur blog..
ReplyDeleteवो यादें ही क्या जो याद ना रहें
ReplyDeleteजिनकी कसक दिल के साथ
सुबह शाम ना रहे
सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और मार्मिक अभिव्यक्ति।
ReplyDelete