Friday, January 15, 2010

अँधेरी रात ...

एक मोमबती ले निकली हूँ । घुप अँधेरी रात है ।
मेरे लिए नही यह कोई नई बात है । सारे जग में कर दूंगी उजाला ।
हिम्मत है तो रोक कर दिखाओं ।

Saturday, January 2, 2010

नव वर्ष.........

सभी मित्रों को नव वर्ष की शुभकामना ,
हम सब नव वर्ष में प्रवेश कर गए ,पर कुछ बदला नहीं वही सारी चीजें जो हमें परेशान करती रही है आगे भी करती रहेगी. इस साल भी ब्लेम गेम होगा और आम लोगों की जरूरतों को नजरअंदाज कर दिया जायेगा .कोई और राठौर रुचिका को प्रताड़ित करेगा और छुट जायेगा .
ऐसे ही बम ब्लास्ट होते रहेंगे और हम आतंकियों की मेहमानवाजी में व्यस्त रहेंगें . ऐसे ही ग्लेसियर पिघलते रहेंगे और एक दिन तुवालु डूब जायेगा .डी डी सी ए में भ्रष्टाचार जारी रहेगा और ऐसे ही पिचें बनती रहेंगी .
चार दिन के आये ओबामा को नोबल प्राइज़ मिलता रहेगा , धरातल पर काम करने की जरुरत ही नहीं
........पर आशा है की कुछ अच्छे काम भी देखने को मिलेंगे ...नेता थोडा बहुत सकारात्मक होंगे और नयी पीढ़ी को मौका देंगे .