बिहार के चुनाव ने यह साबित कर दिया है की विकास के नाम पर दुबारा सत्ता में वापसी हो सकती है .जाति और सम्प्रदाय के अलावा भी अन्य मुद्दें है जिन के बल पर चुनाव जीता जा सकता है .सकारात्मक मत का आज के जमाने में भी महत्व बचा हुआ है .अगर नितीश कुमार को इस चुनाव में जित हासिल नहीं होती तो फिर विकास की राजनीति काफी पीछे चली जाती .इससे यह भी साबित हो गया है की बिहार के मतदाता अधिक परिपक्व हो चुके है और अब वह मंडल के जमाने से बाहर आना चाहते है .
हालांकि इस बार भी जातिगत समीकरण रहे है लेकिन विकास सबपर भारी पड़ा है .राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी यह एक संकेत का काम कर सकता है , जिससे आनेवाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में नीतिगत तथा बुनियादी परिवर्तन देखने को मिल सकता है .बिहार के मतदाताओं ने यह साबित कर दिया है की वे अब केवल जाति की राजनीति करने वालों को आगे मौका नहीं देने वाले .बीजेपी के लिए भी एक निर्देश इस चुनाव से मिला है की भविष्य में उसे किस प्रकार की राजनीति करनी चाहिए .अब नितीश सरकार को अगले पांच वर्षों में जनता के भरोशें पर खरा उतरना होगा .अब उनका वास्तविक इम्तेहान होगा जब लोगों की आकांक्षा उनसे अधिक बढ़ गयी है .
बाकि तो सब ठीक है... पर
ReplyDelete@जिससे आनेवाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में नीतिगत तथा बुनियादी परिवर्तन देखने को मिल सकता है
बहुत मुश्किल है साहेब. ....... अपना अपना हिस्सा सबको मिल रहा है... पेट भरे हुवे हैं.... कौन लड़ेगा......
Ummeed karti hun,ki,ye jeet Bihar ke logon ke liye mubarak sabit hogi!
ReplyDeleteHmmm ummeed karti hu k nw politicians will know ddat da only thing over which they can by our votes is DEVELOPMENT
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