Friday, September 23, 2011

अब मुस्कुरा भी दो...

मेरा हर ख्वाब तुमसे है । ख़्वाबों में तुझे ही हर रोज पाता हूँ ।
.....और तुम गुमसुम बैठी हो । ये ठीक नही है ....अब मुस्कुरा भी दो ।
मुझे अच्छा लगेगा ।
तुझे देख कर ही तो ख्वाब बुनता हूँ । कैसे तोड़ दूँ ?
ख़्वाबों में ही तुझे तराशा है । कड़ी मेहनत से एक मूरत बनी है ।
कैसे छोड़ दूँ ?
तेरी चमकीली आँखें ...मेरे सपनों की बुनियाद है ।
अब आ जाओ ...देर न करो । ये ठीक नही है ।

Saturday, September 17, 2011

आगे अभी सारा आसमान बाकी है ...

जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है ,
आपके इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है ,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर जमीं ,
आगे अभी सारा आसमान बाकी है ......