Saturday, April 21, 2012

आज जरुरत है , आजाद ख़याल की...

आज जरुरत है , आजाद ख़याल की । आजाद ख़याल तो कभी कभी ही आते है । पुराने भरे पड़े है । उन्ही में से आते रहते है । पर जब आजाद ख्याल आते है तो हलचल मचा देते है । कभी कभी ये ख्याल मन बहलाने के तरकीब ही नजर आते है । आजाद ख़याल तो आ जाते है फ़िर दब जाते है । हालात से समझौता कर लेते है । जब यही करना था तो आने का कोई मतलब नही रह जाता । आओ तो पुरी तरह से आओ , नही तो आओ ही मत ।

10 comments:

  1. Khyal hamesha kisi paristhiti ki up aaj hi hote hain ... Badi mushkil se hi aate hain azad khyal ... Thoughtful writing ...

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  2. Khyal hamesha kisi paristhiti ki up aaj hi hote hain ... Badi mushkil se hi aate hain azad khyal ... Thoughtful writing ...

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  3. आजाद ख़याल .... ! आओ तो पुरी तरह से आओ , नही तो आओ ही मत .... !!
    समय के अनुसार रचना .... !! आज जरुरत है , आजाद ख़याल की... !!

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  4. वो पोस्ट तो है ही नहीं जिसका लिंक हमने दिया था!
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    लिंक आपका है यहीं, कोई नहीं प्रपंच।।
    आपकी प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  5. sahi kaha aapne bina ajad khayal ke kuch naya nai possible hai 1

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  6. अत्यंत गहन भाव सच कहा

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