आशा के पर लग गए और तुम अभी उड़े नहीं क़यामत का इन्तजार कर रहे क्या ? प्यारी चीज थी तो क्या हुआ .. अब तो रहा नहीं , उस प्यार का लोभ... अब तो छोड़ दो !
आवाज लगाता गया याद आती गयी इस सर्द मौसम में गुनगुनी धूप की तरह और पहर ख़त्म ! बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति
बेचैन मन एक टक देखता बीते लम्हों को और निहारता गुनगुनी धूप !Wah!
तुम्हारी याद गुनगुनी धूप की तरह बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
बेचैन मन एक टक देखता बीते लम्हों को और निहारता गुनगुनी धूप !मन को छूती पंक्तिया !: मैंने सिर्फ इशारा किया
बहुत ही बढ़ियासादर
आवाज लगाता गया
ReplyDeleteयाद आती गयी
इस सर्द मौसम में
गुनगुनी धूप की तरह
और पहर ख़त्म !
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति
बेचैन मन
ReplyDeleteएक टक देखता
बीते लम्हों को
और निहारता
गुनगुनी धूप !
Wah!
तुम्हारी याद
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
बेचैन मन
ReplyDeleteएक टक देखता
बीते लम्हों को
और निहारता
गुनगुनी धूप !
मन को छूती पंक्तिया !
: मैंने सिर्फ इशारा किया
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर