Tuesday, April 24, 2012

बुरा जो देखन मैं चला


 मेरे  मित्र फरहान सोनी पर एक कुते ने चढ़ाई कर दी ....रात में टहलने के लिए निकले थे .थोड़ी सी खरोंच आ गयी  ....डॉक्टर से सुई  भी लगवा आये ....
....दुसरे दिन रात में मिलने पर मुझसे कहने लगे  ...मेरे मन से कुते का डर हमेशा के लिए निकल गया ....पर मै उसे  सबक  सिखाना चाहता हूँ की दुबारा ऐसी गलती न करे और जब मै टहलने जाऊं तो दुबारा मुझे काटने की जुर्रत न करे ......कौन  मेरा साथ देगा ? ....मैंने कहा ...ठीक है आप मोटे- मोटे दो बेंत का उपाय करे ,चलते है!....उसे डरा कर आ जायेंगे ...लेकिन बहुत ज्यादा नहीं मारेंगे ......
....फरहान ने कहा ...मै आप लोगों को उचित समय पर कॉल करता हूँ.....अब इंतज़ार है उनके उचित समय का !!!

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दिल्ली के पुस्तक  मेले से रविन्द्र नाथ टैगोर जी की जीवनी खरीद लाया .....आज मौका मिला है ...शुरुआत करने का ....काफी रोमांचित हूँ ,जो कुछ भी विचारणीय होगा ...आप आदरणीय गुरुजनों एवं  मित्रों से जरुर शेयर  करूँगा .
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देर रात आज के राजनीतिक हालत पर काफी क्षुब्ध हो गया था ...''.सब समस्याओं की जड़ में हमारे माननीय राजनेताओं का ही हाथ है ''...ऐसी ही अनुभूति हो रही थी .
....तभी मुझे ध्यान आया कि  समाज के लिए जितना करना चाहिए ,क्या मै उतना कर रहा हूँ ?....नहीं !!
.....तो फिर दोष देने से ही काम नहीं होगा ...काम होगा कुछ करने से .....!!

बुरा जो देखन मैं चला,
बुरा ना दिखया कोय।
जो दिल ढूंढा आपना,
मुझसे बुरा ना कोय।।

 फिर नींद आने लगी .....और सोने चला गया .

1 comment:

  1. दोष देने से ही काम नहीं होगा ...काम होगा कुछ करने से .....

    Ham sabke liye vicharniy....

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