Sunday, November 1, 2009

ज़माना बदल गया !

अब घोडें कम दीखते है । फिल्मों में भी नहीं । उनका भी एक ज़माना था । शान से दौड़ते थे । ....पर अब क्या काम ?
बेचारें । रहेगें कहाँ ? हमने तो जगह छोड़ी ही नहीं ।

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