Thursday, April 16, 2009

कदम थिरक रहे है ...

कदम थिरक रहे है । रोको मत । थिरकने दो ।
यह नई दिशा देगा । दिमाग को लचीला बनाएगा ।
जीना सिखलाएगा । यही तो साँसों में दम भरेगा ।
....तो रोको मत । थिरकने दो ।

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