Thursday, April 9, 2009

बचपन का साथी

एक बछडा । उसे काफी प्यार करता था । हरदम उछल कूद मचाता । मेरा दोस्त बन गया । बस्ता फेंक उसी से बात करता । आँखें बड़ी प्यारी थी । जब उसे लगता की मै स्कुल से आ गया तो मेरी ही ओर एकटक देखता रहता ।मै भी उसे निराश नही करता , भागकर उसके पास चला जाता । एक दिन रात में अचानक चला गया । भगवान् ने उसे वापस बुला लिया ।ऐसा लगा... मेरी दुनिया उजड़ गई । बचपन का एक मूक साथी बिछड़ गया । जिंदगी के इस भाग दौड़ में वह हमेशा याद आता है ।
(दोस्त आज भी तुझे हर पल याद करता हूँ )

2 comments:

  1. आपके इस लेख ने मेरे एक बिछडे साथी की याद ताजा कर दी। उसका नाम जाॅनी था। मेरे बचपन का सबसे पक्का साथी मेरा कुत्ता। उसके कारण बहुत से दुख मुझे झेलने पडते थे (मसलन साफ-सफाइ नहलाना धुलाना पडॊसियॊ की गाली वगैरह वगैरह)। जब वह अचानक मुझे छॊडकर दुनिया से चला गया तॊ मैने न जाने कब तक इस गाने कॊ गाता रहा (नफरत की दुनिया कॊ छॊडकर प्यार की दुनिया में खुश रहना मेरे यार)

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  2. jee himansu jee ..aapaka dukh samajh sakta hoon ...apane par biti jo hai

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