Friday, December 10, 2010

दर्द आँखों से छलक ही गया

दर्द आँखों से छलक ही गया
रोकने की बहुत कोशिश की
कहानी लम्बी है        
कैसे बताऊँ !
जुदाई की बरसात में बह गया       

21 comments:

  1. जुदाई की बरसात में बह गया

    यह पंक्ति बहुत अच्छी लगी।

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  2. अच्छी पंक्तियाँ हैं आभार.

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  3. Lambi kahaani ko kai tukdo me dikhate hain aap.. tasveer saaf nahi hone pati.. fir bhi pasand aati h..har baar :)

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  4. Chhoti-si lekin kasak se bhari hui rachana! Bahut achhee lagi!

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  5. किसी की जुदाई में अक्सर आंसू निकल ही आते है...बहुत अच्छी पंक्तियाँ...

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  6. पांच लाख से भी जियादा लोग फायदा उठा चुके हैं
    प्यारे मालिक के ये दो नाम हैं जो कोई भी इनको सच्चे दिल से 100 बार पढेगा।
    मालिक उसको हर परेशानी से छुटकारा देगा और अपना सच्चा रास्ता
    दिखा कर रहेगा। वो दो नाम यह हैं।
    या हादी
    (ऐ सच्चा रास्ता दिखाने वाले)

    या रहीम
    (ऐ हर परेशानी में दया करने वाले)

    आइये हमारे ब्लॉग पर और पढ़िए एक छोटी सी पुस्तक
    {आप की अमानत आपकी सेवा में}
    इस पुस्तक को पढ़ कर
    पांच लाख से भी जियादा लोग
    फायदा उठा चुके हैं ब्लॉग का पता है aapkiamanat.blogspotcom

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  7. जुदाई की बरसात? नया बिम्ब । अच्छे भाव । शुभकामनायें।

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  8. जबरदस्त पंक्ति..बहुत सुंदर

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  9. अच्छे भाव , शुभकामनायें।

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  10. sunder....
    Humne bhi likhneki koshish ki hI PADHNA JARUR..
    an http://anupamaawati.blogspot.com

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