आशा के पर लग गए और तुम अभी उड़े नहीं
क़यामत का इन्तजार कर रहे क्या ?
प्यारी चीज थी तो क्या हुआ ..
अब तो रहा नहीं ,
उस प्यार का लोभ...
अब तो छोड़ दो !
Saturday, June 2, 2018
एक अनजान आदमी नदी की धारा के साथ बहता हुआ कल्पनातीत ख्यालों में डूबा लहरों से बातें करता हुआ थपेड़ों को चीरता चला जा रहा है ! अचानक कुछ सकुचाता हुआ लहरों को छू लिया अब व्यग्र हो सोच रहा कहीं लहरें मैली तो नहीं हो गयी उसके स्पर्श से !
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