Monday, October 10, 2011

जुल्फों की छांव

जुल्फों की छांव से 
मनमोहक 
पर्वत ,पहाड़ 
नदी ,झरने 
बाग़ बगीचों 
की छाँव है !
जहाँ साफ़ 
हवा तो आती है 
यहाँ तो सिर्फ 
और सिर्फ 
दर्द की हवा चलती है !

6 comments:

  1. बहुत अच्छी भावपूर्ण रचना..बधाई स्वीकारें

    नीरज

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  2. NIRAJ JI AUR RASHMI JI comment aur apna opinion share karne ke liye shukriya....

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  3. सच कहा ... पर इन जुल्फों की छाँव से बचना भी आसान नहीं ...

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  4. बहुत खूब..:):)

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