आशा के पर लग गए और तुम अभी उड़े नहीं
क़यामत का इन्तजार कर रहे क्या ?
प्यारी चीज थी तो क्या हुआ ..
अब तो रहा नहीं ,
उस प्यार का लोभ...
अब तो छोड़ दो !
Thursday, April 16, 2009
नशा
अगर तूफ़ान में जिद है ... वह रुकेगा नही तो मुझे भी रोकने का नशा चढा है । देख लेगे तुम्हारी जिद या मेरा नशा ... किसमे कितना ताकत है । तुम्हारी जिद से मेरा सितारा डूबने वाला नही । हम दमकते साए है । असर तो जरुर छोड़ेगे ।
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