आशा के पर लग गए और तुम अभी उड़े नहीं
क़यामत का इन्तजार कर रहे क्या ?
प्यारी चीज थी तो क्या हुआ ..
अब तो रहा नहीं ,
उस प्यार का लोभ...
अब तो छोड़ दो !
Monday, April 6, 2009
खुला गगन सबके लिए है
उजाले को पी अपने को उर्जावान बना भटके लोगो को सही रास्ता दीखा उदास होकर तुझे जिंदगी को नही जीना खुला गगन सबके लिए है , कभी मायूश न होना तुम अच्छे हो, खुदा की इस बात को सदा याद रखना
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