आशा के पर लग गए और तुम अभी उड़े नहीं क़यामत का इन्तजार कर रहे क्या ? प्यारी चीज थी तो क्या हुआ .. अब तो रहा नहीं , उस प्यार का लोभ... अब तो छोड़ दो !
प्रियवर मार्क राय जी पहले ध्यान ही नहीं रहा … आपके ब्लॉग के दो वर्ष पूर्ण होने पर हार्दिक बधाई ! शुभकामनाएं !!मंगलकामनाएं !!! शुभाकांक्षीराजेन्द्र स्वर्णकार
प्रियवर मार्क राय जी
ReplyDeleteपहले ध्यान ही नहीं रहा …
आपके ब्लॉग के दो वर्ष पूर्ण होने पर
हार्दिक बधाई !
शुभकामनाएं !!
मंगलकामनाएं !!!
शुभाकांक्षी
राजेन्द्र स्वर्णकार