Friday, January 24, 2020

ट्रेन भागी जा रही है।


ट्रेन भागी जा रही है।
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सरसों के लहलहाते खेत। गुज़रते जा रहे है। ट्रेन सिटी देते हुए चलती जा रही है। ऐसा लग रहा है कि पीछे कुछ छुट गया है। कई यात्री बातों में मशगुल है। बैठने को लेकर बहसबाजी जारी है। एक छोटा बच्चा भीड़ को देखकर रोये जा रहा है। उसकी माँ चुप कराने की कोशिश कर रही है। दिल्ली में हो रहे विधानसभा चुनाव पर बहस जारी है। कुछ विद्यार्थी लोग उपरी सीट पर कब्ज़ा जमा लिए है। वे मोबाइल में लाफ्टर चैनल देख कर मज़े ले रहे है। भीड़ में झाल-मुढ़ी बनाने वाला भी घुस आया है। कई लोग उसे कोस रहे है तो कई झाल -मुढ़ी बनवा कर खा रहे है।

सर्दी काफी है। इसलिए भीड़ सहनीय है अन्यथा गर्मी में तो हालत खराब हो जाती। मोकामा के पहले कुछ लोग चैन पुल्लिंग कर ट्रेन को रोक दिए है। कुछ यात्री उन्हें निक्कमा और चोर उच्चका बता रहे है। एक सज्जन उन्हें जेल में डाल कर 10 साल की सजा देने की बात कर रहे है। महोदय के अनुसार जबतक कड़े कानून नहीं होंगे तबतक देश नहीं सुधरेगा।
गाँवों में कुकुरमुते की तरह प्राइवेट स्कूल खुल रहे है। लोग पागल हो गए है.. क्योंकि वे अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में भेज रहे है। हमारे जमाने में सरकारी स्चूलों का क्या क्रेज था ! इस विचार को एक बुजुर्ग द्वारा प्रकट किया गया। दुसरे ने कहाँ भाई साहब लोग पागल नहीं समझदार है। सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को तबाह कर दिया है। आप बताईये लोगो के पास कोई विकल्प है क्या ?
बिहार के लोगों के व्यवहार पर भी चर्चा जारी है। ये कहीं जाते है वहीँ थुक देते है। मैनर नाम की चीज नहीं है। नियम कायदा नहीं मानना इनका जन्मसिद्ध अधिकार है। एक ने इस बात का प्रतिवाद किया और कहा आप कुछ हद तक गलत है। ये मेहनती होते है। हर परीक्षा में इनका डंका बजता है।
लखीसराय स्टेशन पर कुछ ग्रामीण बोरा,टोकड़ी,झोला आदि लेकर ट्रेन में चढ़ गए है। इससे एक सोकाल्ड बुद्धिजीवी को बहुत परेशानी हुई। उनके अनुसार हिन्दुस्तान की आबादी बढ़ गयी है और सरकार सोयी हुई है। अब नहीं जागी तो खूब मार काट मचने वाली है। चीन को देखिये। कैसे उसने आबादी पर नियंत्रण कर लिया। ...और हमारे देश में तथाकथित लोकतंत्र में कुछ भी संभव नहीं।

लगातार बहस जारी है। मै उठा और ट्रेन रुकने पर अपने स्टेशन पर उतर गया। हाँ दिमाग में कुछ हलचल जरूर है।
#गपशप

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