जीवन के रंग .....

आशा के पर लग गए और तुम अभी उड़े नहीं क़यामत का इन्तजार कर रहे क्या ? प्यारी चीज थी तो क्या हुआ .. अब तो रहा नहीं , उस प्यार का लोभ... अब तो छोड़ दो !

Sunday, July 9, 2017

New Innings


Posted by mark rai at 6:56 AM No comments:
Newer Posts Older Posts Home
Subscribe to: Posts (Atom)

Google Website Translator Gadget

Total Pageviews

Popular Posts

  • आईये हम सब मिलकर उन्हें श्रधांजलि देते है ....
    आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री ने 16 वर्ष की उम्र में ही अपनी पहली पुस्तक 'काकली' लिखी थी. वर्ष 1916 में गया के मैरवा में जन्मे शास्त्र...
  • कीचड़
    सड़क पर इस कदर कीचड़ बिछी हुई है । हर किसी का पाँव घुटनों तक सना है । यह सही है की घुटनों तक कीचड़ सना है .... भ्रष्टाचार का बोलबाला है । पर...
  • ऐ मेरे वतन के लोगों....
    ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए कुछ याद उन्ह...
  • जीवन क्या है ?
    ईश्वर से साक्षात्कार जीवन है  सत्य की तलाश जीवन है  रिश्तों की मिठास जीवन है  प्रकृति का आनंद जीवन है ! तार्किकता का उद्भव जीवन है  आस्था क...
  • लमुहा
    लमुहा एक स्थान जिससे मुझे काफी लगाव है .मेरे ननिहाल में एक तालाब है जिसे सभी लमुहा के नाम से जानते है .बचपन में यही पर छठ  माता की घाट बनती...
  • हंसों ना !
    हंसों ना ! खूब  हंसों सब हंस रहे है तुम पीछे कैसे ?  हंसों ना ! मेरी बेबसी पर  लाचारी पर  खूब हंसों
  • पारंपरिक पहनावा
    कुछ भी हो जाय , हमें पारंपरिक पहनावे को जिन्दा रखना है । यही तो हमारी संस्कृति और तहजीब की निशानी है । पश्चिम की अंधी दौड़ में हम अपने विरास...
  • नैतिकता ....
    नैतिकता ...नाम कुछ सुना हुआ लग रहा है । बचपन में किताबों में पढ़ा था । आज पैसा नैतिकता को खा चुका है । नैतिक आचरण करने वाले लोग मलवे के रूप ...
  • दुनिया को कामसूत्र का ज्ञान देने वाला देश खुद अपने सेक्स से जुड़े मसलों को लेकर इतना असहाय हो गया!!!
    महापुरुषों की मूर्तियाँ लगवाकर उनको भूल जाना और महान विचारों को किताबों तक सीमित कर देना हमारा पुराना शगल है!!! महिला सुरक्षा को लेकर अंतर...
  • ऐ मनुष्य
    ऐ मनुष्य, कब तक शोक मनायेगा ...और ज़िन्दगी लुटती जाएगी ..फिर शोक कैसा ?ये शोक नहीं चुभन है . ज़िन्दगी भर का दर्द है .टूटे हुए तारों का ...

Labels

  • अँधेरा (8)
  • आईएएस (1)
  • आईना (3)
  • आकाश (5)
  • आँखें (4)
  • आत्म साक्षात्कार (1)
  • आनंद (2)
  • आंसू (1)
  • इरादा (2)
  • ईर्ष्या (1)
  • उजाला (4)
  • कदम (4)
  • कल्पना (2)
  • कवि (1)
  • कविता (5)
  • कहानी (1)
  • काम (1)
  • काव्य (2)
  • किस्मत (2)
  • कीचड़ (1)
  • क्रांति (1)
  • खनन (1)
  • खुदा (2)
  • खुशी (2)
  • ख्याल (2)
  • ख्वाब (2)
  • गंगा (1)
  • गम (1)
  • गरीबी (1)
  • गाँव (3)
  • गौरैया (1)
  • जान (2)
  • जिद (1)
  • जिंदगी (32)
  • जीवन (6)
  • डायरी (1)
  • तहजीब (1)
  • तेज़ाब (1)
  • तेलंगाना (1)
  • दर्द (11)
  • दिल (3)
  • दुर्गा शक्ति नागपाल (1)
  • दुर्भाग्य (4)
  • दौड़ (1)
  • ननिहाल (2)
  • नशा (2)
  • निरंकुशता (1)
  • निराशा (1)
  • नैतिकता (2)
  • पत्रकारिता (3)
  • पथिक (5)
  • पहनावा (1)
  • पहेली (4)
  • पानी (1)
  • प्यार (3)
  • प्यास (1)
  • प्रकृति (4)
  • बचपन (6)
  • बजट (1)
  • भरोसा (1)
  • भारतीयता (2)
  • भीड़ (1)
  • भ्रष्टाचार (2)
  • मंजिल (2)
  • मन (1)
  • मिटटी (1)
  • मुसाफिर (2)
  • मोटिवेशन (1)
  • मोमबती (1)
  • मौलिकता (1)
  • यादें (8)
  • रंगमंच (1)
  • रचना (1)
  • रिश्ते (1)
  • रोशनी (2)
  • लज्जा (1)
  • लमुहा (1)
  • लोकतंत्र (1)
  • वक्त (1)
  • शाम (1)
  • शून्य (2)
  • संछेप (1)
  • सपना (8)
  • सपने (3)
  • सबेरा (2)
  • समय (1)
  • समाधान (2)
  • सरल (1)
  • सवाल (3)
  • साथी (1)
  • सादगी (3)
  • सीखना (1)
  • सुबह (2)
  • सुलगता भारत (1)
  • सूखे पत्ते (1)
  • सूरज (1)
  • सोच (5)
  • स्पर्श (1)
  • हमारा ग्रुप (1)
  • हया (1)
Follow this blog
Tweet

Followers

Blog Archive

  • ►  2025 (1)
    • ►  April (1)
  • ►  2022 (3)
    • ►  September (3)
  • ►  2021 (1)
    • ►  February (1)
  • ►  2020 (3)
    • ►  February (2)
    • ►  January (1)
  • ►  2019 (7)
    • ►  August (1)
    • ►  May (1)
    • ►  March (4)
    • ►  January (1)
  • ►  2018 (2)
    • ►  December (1)
    • ►  June (1)
  • ▼  2017 (6)
    • ►  November (3)
    • ►  September (2)
    • ▼  July (1)
      • New Innings
  • ►  2016 (2)
    • ►  October (1)
    • ►  February (1)
  • ►  2015 (1)
    • ►  January (1)
  • ►  2014 (2)
    • ►  March (2)
  • ►  2013 (14)
    • ►  October (1)
    • ►  September (1)
    • ►  August (2)
    • ►  July (4)
    • ►  June (1)
    • ►  April (1)
    • ►  March (3)
    • ►  February (1)
  • ►  2012 (25)
    • ►  November (1)
    • ►  September (2)
    • ►  August (4)
    • ►  July (5)
    • ►  June (1)
    • ►  April (6)
    • ►  March (2)
    • ►  February (3)
    • ►  January (1)
  • ►  2011 (36)
    • ►  December (1)
    • ►  November (1)
    • ►  October (5)
    • ►  September (4)
    • ►  August (6)
    • ►  July (3)
    • ►  June (1)
    • ►  May (3)
    • ►  April (3)
    • ►  February (2)
    • ►  January (7)
  • ►  2010 (12)
    • ►  December (4)
    • ►  November (5)
    • ►  February (1)
    • ►  January (2)
  • ►  2009 (70)
    • ►  December (1)
    • ►  November (8)
    • ►  October (1)
    • ►  September (4)
    • ►  August (1)
    • ►  July (3)
    • ►  June (8)
    • ►  May (6)
    • ►  April (38)

About Me

My photo
mark rai
कुछ ख़ास नही ....साधारण आदमी ......जो अपने को जानने की कोशीश कर रहा है । कुछ हद तक परेशान है ....नए रास्ते खोज रहा .....उसी क्रम में भारतीय प्रशासनिक सेवा का साक्षात्कार भी दिया । लिखने में मन लगता है ....... कुछ नया करना चाहता है ......जहाँ बाजारवाद न हो । ......जिंदगी अभावों में कट रही है .......इसका भी लुत्फ़ उठाता है ......सोचता है ....दुनिया से दो कदम पीछे रह गया .....पर कोई मलाल नही । लेखन का शायद दशमलव भी नही जानता पर ......हाथ मार रहा ....कोई राह नही दिखा पर .....चलते जा रहा है....
View my complete profile
Mark Rai | Create Your Badge

लिखिए अपनी भाषा में

welcome

My Blog List

  • जीवन के रंग .....
    मौन
    2 months ago
  • music,art and culture....
    जिज्ञासा: गोल्डन म्यूज
    12 years ago
  • Discussion Point
    facts and opinion.....: Read the following passage and answer the items t...
    12 years ago
  • जीवन धारा
    जिज्ञासा(JIGYASA) : देवकीनन्‍दन खत्री द्वारा लिखित चन्‍द्रकान्‍ता को ह...
    12 years ago
  • कुछ ख़ास .......
  • IAS STUDY CIRCLE {आई. ए. एस. स्टडी सर्किल}
Theme images by konradlew. Powered by Blogger.