Thursday, March 14, 2013

आनंद !!


पानी में कंकड़ डालना अच्छा है । आनंद भी आता है ।
इन्तजार करने का बहाना भी है । ठीक है ...पर कभी कभी ही ।
पानी के लिए जगह ही न बचे । इतना मत डालना ।

3 comments:

  1. सही कहा ... पानी का बचाव ओर फिर मन को भी समझाना है ...

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  2. सुन्दर प्रस्तुति!
    --
    हीरा हाथ न आय तो, करना नहीं मलाल।
    कंकड़-पत्थर बीन के, मत पानी में डाल।।
    --
    आपकी पोस्ट का लिंक आज के चर्चा मंच पर भी है!
    सादर सूचनार्थ!
    http://charchamanch.blogspot.in/2013/03/1187.html

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