Monday, January 31, 2011

आंसू...

आंसू बहते ही रहे
रोक न सका
सब बह गए
आज ज़रूरत है...
तो धोखा दे गए !





9 comments:

  1. वक़्त पर सब इम्तिहान लेते हैं..... आसूं कैसे पीछे रहते..... बहुत सुंदर

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  2. दर्द की सुन्दर दास्ताँ । दिल को छू गई ।

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  3. सच है ये आँसू बेवफा होते हैं ... मौके पर धोखा दे जाते हैं ...

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  4. वाह,
    कम शब्दों में बहुत गहरी बात कह दी आपने।

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  5. dhokha nahi, bas jata gaye ... dard rone se kam nahi hoga

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  6. वसन्त की आप को हार्दिक शुभकामनायें !

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  7. bahot Gahrai hai Shabdome......

    mere anya 2 blog padhe aur sarahe to achha lagega

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