आशा के पर लग गए और तुम अभी उड़े नहीं क़यामत का इन्तजार कर रहे क्या ? प्यारी चीज थी तो क्या हुआ .. अब तो रहा नहीं , उस प्यार का लोभ... अब तो छोड़ दो !
"प्रियतम सपनो का आधा डूबा चाँद"बहुत सुन्दर उपमा...सुन्दर भाव
sundar hai
अद्धभुत अभिव्यक्ति :)
बेहतरीन सादर
क्या बात है, बहुत सुंदर
बहुत सुन्दर , बधाई स्वीकारें. कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारकर अपना स्नेह प्रदान करें, आभारी होऊंगा .
अंत हीन प्रतीक्षा किसी की ... भावभरी अभिव्यक्ति ...
"प्रियतम सपनो का आधा डूबा चाँद"
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ReplyDeleteसादर
क्या बात है, बहुत सुंदर
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कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारकर अपना स्नेह प्रदान करें, आभारी होऊंगा .
अंत हीन प्रतीक्षा किसी की ...
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