मानव अपने कर्म के आधार पर ही विराट उचांई पर पहुच सकता है .अच्छे कर्म के लिए किसी ख़ास सम्प्रदाय से जुड़ना आवश्यक नहीं .जाति,सम्प्रदाय ,धर्म आदि उसकी मदद नहीं करते .ये सभी आसिनव है जो मानव कि उचांई को कम करने का प्रयास करते है .मानव का विवेक और मानवता ही उसकी मदद कर सकती है .
very nice post..
ReplyDeleteसच कह है ... सार्थक चिंतन ...
ReplyDeleteKaash is baat ko sabhee log samajh saken.....khaas kar ve log jo apne sampradayon se andhe hoke jud jate hain.
ReplyDeleteसही कहा आपने
ReplyDeleteमनुष्य को जाति, धर्म, संप्रदाय इन सबसे ऊपर उठकर सोचना चाहिए ...
साभार !
सच है.....
ReplyDeleteTrue.
ReplyDelete...सही कहा आपने
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