Monday, August 15, 2011

ये स्टाइल तो यूनिक है.....

शम्मी कपूर कि यादगार फ़िल्में तुम सा नहीं देखा , दिल देके देखो , दिल तेरा
दीवाना , प्रफेसर , चाइना टाउन , राजकुमार ,कश्मीर की कली , जानवर , एन इवनिंग
इन पेरिस , तीसरी मंजिल , अंदाज आदि है.1968 में ' ब्रह्मचारी ' के लिए उन्हें
बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला , तो 1982 में 'विधाता ' के लिए बेस्ट
सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड मिला.
जिंदादिली का नाम शम्मी कपूर .....मैंने बहुत पहले उन पर फिल्माया गया एक गाना
देखा 'दिल देके देखो '.... वे शरीर को तोड़ मरोड़ रहे थे ....मैंने सोचा पता
नहीं, कौन हीरो है और ऐसा क्यों कर रहा है ? ,ये बचपन कि बात है ...बाद में
महसूस हुआ कि उनका ये स्टाइल तो यूनिक है.फिर याहू स्टाइल देखा तो मुझे लगा यार
सच में ये अलग मिटटी का बना है .....जंगली तो मेरी पसंदीदा फिल्मों में से एक
है .....ब्रह्मचारी में उन्होंने वाकई बड़ी संजीदगी के साथ अभिनय कि है .रफ़ी
साहब कि आवाज़ अगर किसी एक एक्टर पर जमी तो वे सम्मी साहब ही थे.....लाल छड़ी
मैदान खड़ी गाने पर एक्ट कर पाना वाकई बहुत मुश्किल था . आज मुझे लगता है, कि
यह शम्मी कपूर का करिश्मा ही था ,जिसने गाने को इतना पॉपुलर बना दिया .....आज
जब वे नहीं है तो बहुत याद आ रही है कि याहू कहने वाला हमारे बीच से चला गया
.....

3 comments:

  1. उन जैसा न हुआ है न होगा...एक दम बिंदास ज़िन्दगी जिंदादिली से जीने वाले इंसान थे शम्मी जी...

    नीरज

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  2. ji niraj ji ....unki style hi unique thi....

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  3. ji ...unkaa jana sachmuch kisi apne kaa jana jaisaa lgaa .....

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