कमजोर स्वाभिमान को देखना हो तो ईर्ष्या करो । आपकी अंतरात्मा हिल जायेगी । सारे गुण धुल जायेंगे । दुसरे का नुक्सान हो या न हो पर आपका तो पक्का होगा । शायद आगे की राह बंद हो जाय । शायद नही........ऐसा जरुर होगा । जब चरित्र ही ईर्ष्या करना शुरू कर दे ,तब पतन निश्चित है । यह भावी पीढियों के लिए भी नासूर बन जाएगा । इर्ष्या आपको भ्रष्टता की कब्र में धकेल देगा .......आप इसका दामन छोड़ दे ।
kitna sahi kaha hai aapne...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया! बिल्कुल सही फ़रमाया आपने!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अमृत वचन !
ReplyDeleteहर एक को इसे पढना चाहिए !
शुभकामनाएं !
आज की आवाज
aap sabhi logo ko thanks aapne ....ise pasand kiya...
ReplyDeletebhut hi shi seekh or aapke shabdo ne ise or bhi bhavpurna bna diya hai.......
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