Thursday, October 13, 2011

अरमान

कभी सोचता
पेड़ पर 
चढ़ जाऊं 
और फिर 
उतर जाऊं 
बचपन की याद 
समेट कर 
घर लाऊं !

गिरे हुए 
सूखे पत्तों को 
चुन कर 
एक सेज सजाऊं 
उसपर बैठ 
हर दिन 
कह्कहें लगाऊं ! 

6 comments:

  1. बहुत बढि़या ।

    ReplyDelete
  2. गिरे हुए
    सूखे पत्तों को
    चुन कर
    एक सेज सजाऊं
    उसपर बैठ
    हर दिन
    कह्कहें लगाऊं !
    Wah! Bachpan isee tarah yaad aata hai!

    ReplyDelete
  3. aap sabhi ka protsaahan ke liye dhanywaad....

    ReplyDelete
  4. बिलकुल जो जीवन पे हँसता है उतना ही उसे जीता है ...

    ReplyDelete