बड़ी देर तक पढ़ती रही ..सादगी से परिपूर्ण रचनाएँ हैं ..कहीँ कहीँ वर्तनी के कारण किंचित -सा खटकता है ...ये मेरे साथ भी होता है...जब कभी 'पोस्ट' पे क्लिक करने की जल्दी कर देती हूँ!!..गर बुरा न माने और इजाज़त दें ,तो अगली बार बता दूँगी .. अनेक शुभकामनाएँ !
Badee der tak padhtee rahee..sadagee se pareepoorn rachnayen hain..kaheen wartanee ke karan kinchit-sa khtakta hai..gar bura na mane aur ijazat den,to agalee baar bata doongee..
हाय ..वो पल ... oh!to ye thhe wo pal...khoobsurat pal....
ReplyDeleteहम
ReplyDeleteऔर मुहब्बत की तितली...
wo pal sachmuch hasin honge..
http://som-ras.blogspot.com
हाय क्या वो पल है जनाब ......मुझे भी अपने वो पल याद आ गये ....सुन्दर
ReplyDeleteसुन्दर भावों का वो पल.................
ReplyDeleteआशा है अब तक नहीं भूला होगा.
सुन्दर भावाव्यक्ति का आभार.
रोमांस के उस पल की सुन्दर अभिव्यक्ति है.
ReplyDeleteKhoobsoorat Ehsaas.
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बड़ी देर तक पढ़ती रही ..सादगी से परिपूर्ण रचनाएँ हैं ..कहीँ कहीँ वर्तनी के कारण किंचित -सा खटकता है ...ये मेरे साथ भी होता है...जब कभी 'पोस्ट' पे क्लिक करने की जल्दी कर देती हूँ!!..गर बुरा न माने और इजाज़त दें ,तो अगली बार बता दूँगी ..
ReplyDeleteअनेक शुभकामनाएँ !
Badee der tak padhtee rahee..sadagee se pareepoorn rachnayen hain..kaheen wartanee ke karan kinchit-sa khtakta hai..gar bura na mane aur ijazat den,to agalee baar bata doongee..
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