Monday, August 17, 2009

हाय ...वो पल .....

कुछ ख़ास था
वो पल
आसमान में लालिमा
आंखों में आईना
प्रेम का ये जहाँ
एक बाग़ में हम
और मुहब्बत की तितली
जब तुम मिली .........
हाय ..वो पल ...

8 comments:

  1. हाय ..वो पल ... oh!to ye thhe wo pal...khoobsurat pal....

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  2. हम
    और मुहब्बत की तितली...
    wo pal sachmuch hasin honge..

    http://som-ras.blogspot.com

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  3. हाय क्या वो पल है जनाब ......मुझे भी अपने वो पल याद आ गये ....सुन्दर

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  4. सुन्दर भावों का वो पल.................
    आशा है अब तक नहीं भूला होगा.

    सुन्दर भावाव्यक्ति का आभार.

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  5. रोमांस के उस पल की सुन्दर अभिव्यक्ति है.

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  6. बड़ी देर तक पढ़ती रही ..सादगी से परिपूर्ण रचनाएँ हैं ..कहीँ कहीँ वर्तनी के कारण किंचित -सा खटकता है ...ये मेरे साथ भी होता है...जब कभी 'पोस्ट' पे क्लिक करने की जल्दी कर देती हूँ!!..गर बुरा न माने और इजाज़त दें ,तो अगली बार बता दूँगी ..
    अनेक शुभकामनाएँ !

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  7. Badee der tak padhtee rahee..sadagee se pareepoorn rachnayen hain..kaheen wartanee ke karan kinchit-sa khtakta hai..gar bura na mane aur ijazat den,to agalee baar bata doongee..

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