Tuesday, February 11, 2020

यह खून लाल ही रहेगा

यह खून लाल ही रहेगा
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पैरों तले खिसक गई जमीन
मै धूल फांकता रह गया
गर्दन के निशान अभी मिटे भी नहीं थे
तभी यह एहसास हुआ
कुछ साहित्य वास्तव में बकवास है
जो चारणों द्वारा रचित है
पारलौकिक चरण वंदना
और अप्रतिम गुलामी
चारण साहब को ही मुबारक
माफ़ करें
यह खून लाल ही रहेगा
और लाल ही बहेगा
भले आप मुझे पटखनी दे दी

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