Tuesday, February 11, 2020

चन्द्रकुमार उर्फ़ चंदू लगातार सीढियाँ चढ़ता जा रहा।

1) चन्द्रकुमार उर्फ़ चंदू लगातार सीढियाँ चढ़ता जा रहा। मन में लालसा लिए हुए देव दर्शन की। दमे की बिमारी को दबा कर। अन्य दर्शनार्थियों से प्रेरित होकर तीन मील चढ़ गया। अभी आठ मील जाना है।
'हे भगवान् ! अब नहीं चला जाता ' कहते हुए एक वीरान शीला पर बैठ गया। हाँफते हुए सोच रहा- काश ! देव दर्शन यहीं हो जाते।
2) बच्चे ईश्वर के खूबसूरत उपहार होते है। उन्हें प्रेम ही देना चाहिए। दु:ख तब होता है जब उनसे कुछ समय पहले जन्म लिए हुए कुछ विद्वान् लोग बच्चों को बुद्धिहीन समझ कर लताड़ लगा देते है। अथवा कुछ थोड़े धनी पर धरती के लिए बोझ दुष्टात्मा ...गली के बच्चों को हिकारत भरी नज़रों से देखते है।
2) सुखद और कामयाब जीवन के लिए हमें कुछ ऐसी स्वस्थ आदतें विकसित करनी चाहिए जो लगातार हमारे साथ चले। यह आसान नहीं है पर किया जा सकता है। हाँ इसे डेवेलप करने में सालों लग सकते है। आदत हमारी रूचि के अनुसार हो सकता है। हमें जो सबसे अधिक अरुचिकर लगता हो वह भी आदत में बदल जाय तो फिर हमेशा हमारे साथ ही रहता है।

No comments:

Post a Comment