आशा के पर लग गए और तुम अभी उड़े नहीं क़यामत का इन्तजार कर रहे क्या ? प्यारी चीज थी तो क्या हुआ .. अब तो रहा नहीं , उस प्यार का लोभ... अब तो छोड़ दो !
सही कहा ... पानी का बचाव ओर फिर मन को भी समझाना है ...
गहन भाव सुन्दर
सुन्दर प्रस्तुति!--हीरा हाथ न आय तो, करना नहीं मलाल।कंकड़-पत्थर बीन के, मत पानी में डाल।।--आपकी पोस्ट का लिंक आज के चर्चा मंच पर भी है!सादर सूचनार्थ!http://charchamanch.blogspot.in/2013/03/1187.html
सही कहा ... पानी का बचाव ओर फिर मन को भी समझाना है ...
ReplyDeleteगहन भाव
ReplyDeleteसुन्दर
सुन्दर प्रस्तुति!
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हीरा हाथ न आय तो, करना नहीं मलाल।
कंकड़-पत्थर बीन के, मत पानी में डाल।।
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आपकी पोस्ट का लिंक आज के चर्चा मंच पर भी है!
सादर सूचनार्थ!
http://charchamanch.blogspot.in/2013/03/1187.html