आशा के पर लग गए और तुम अभी उड़े नहीं क़यामत का इन्तजार कर रहे क्या ? प्यारी चीज थी तो क्या हुआ .. अब तो रहा नहीं , उस प्यार का लोभ... अब तो छोड़ दो !
~मौन एक थेरेपी की तरह है जिससे मानसिक मजबूती आती है। कोलाहल का असर कम होता है। क्रिएटिविटी बढ़ती है और तनाव दूर होता है।